Sunday, 9 July 2017

अर्हृम आश्रम मे आध्यात्म योगी आचार्य श्री चंदन मुनि जी की पुण्यतिथी के उपलक्ष्य मे आयोजित श्रद्धांजलि समारोह 11-12 June 2017














आचार्य श्री चंदन मुनि जी

चरण कमल गुरूदेव के . वन्दो बारम्बार। 
दे दो अक्षर ज्ञान के , दूर किया अँधार ।।१।।
देखी गुरू के हाथ में ,'चन्दन' शक्ति अमान। 
या माता के वदन पर ,देखा प्रेम महान।।२।।
'चन्दन' सदगुरू के बिना, जो नर गुरूता पाय। 
तो माटी का पिण्ड खुद, क्यों न घडा बन जाय? ।।३।।
'चन्दन' चाबी एक है ,है फेरन में फेर।
बंद करे खोले वही , ताते सदगुरू हेर।।४।।
दीपक ,दीपक है नहीं ,दीपक है गुरूदेव।
जो आभ्यान्तर तिमिर को ,नष्ट करे स्वयमेव।।५।।
"आचार्य चन्दन मुनि"